फोटोग्राफी करने पंहुची सरकारी टीम फिर लौटी बेरंग

(बैराज बांध के समीप रावी नदी के किनारे लोगों द्वारा बनाए हुए स्ट्रकचरों की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी करने गए बांध अधिकारी व अन्य को स्ट्रकचर मालिकों का विरोध सहना पड़ा)

बिना कोई कार्रवाई वापस आना पड़ा 

संवाद सहयोगी जुगियाल पठानकोट (केके हैप्पी) : रावी नदी के  किनारे लोगों द्वारा अपनी निजि भूमि पर बनाए हुए स्ट्रकचरों व शैडों को चैक करने  व वीडियोग्राफी फोटोग्राफी करने गई बैराज बांध प्रशासन की टीम को वहां पर निजी मालिकों का विरोध सहना पड़ा तथा उक्त बैराज बांध प्रशासन व तहसील प्रशासन को बिना कोई कार्रवाई किए  वापस लौटना पड़ा। हालांकि इस टीम के साथ पंजाब सरकार की और से बनाई हुई 11 सदस्यीय टीम के सचिव एसई ऐडमन जेपी सिंह ने स्ट्रकचर मालिकों को पूरी स्थिति की जानकारी लेने के लिए कहा पर वहां पर जमा हुए लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया तथा भूमि अधिग्रहण नियमों के तहत लीगल नोटिस जारी करने की मांग की। गौरतलब है कि बैराज बांध प्रशासन की और से रावी नदी के मध्य में पड़ते इस जगह छोड़ दिया गया था जब् कि उसके आगे और पीछे की दोनों और झाील मे समा जाने वाली जमीन को पूरे नियमों तहत अधिगृह किया जा चुका है।

अब सवाल यह उठता है कि बांध प्रशासन ने इस जगह को क्यू छोड़ दिया था जिसके लिए बांध  प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्न चिंह लग रहे है। वहीं पर जिन मालिकों की रावी नदी के किनारे भूमि है वह मौलिक अधिकारों के तहत उक्त मालिकाना भूमि पर कुछ भी कर सकते है जिसके लिए उनको पूरा अधिकार है। बैराज बांध की और से बांध के साथ लगते क्षेत्र की कुल 35 ऐकड़ रकबे को झील के लिए अधिग्रहित करने की जरूरत है जिसके लिए बैराज बांध प्रशासन एवं पंजाब सरकार की और से उक्त भूमि को अपने अधीन अधिग्रहित करने के लिए अभी तक किसी भी भूमि अधिग्रहण नियमों के तहत कोई लीगल नोटिस जारी नहीं किया है। जिस कारण उक्त लोगों ने वहां पर आई हुई टीमों का विरोध कर सबसे पहले लीगल नोटिस जारी करने की मांग की है। जिन लोगों ने रावी नदी के किनारे अपने शैड व स्ट्रकचर बनाए  है उनमें से  सोहन लाल, प्रेम चंद, रोशन लाल भगत, नंद लाल, रमन कुमार, कैलाश नाथ, बलवीर, केवल, अमरजीत, मनजीत, प्रेम लता, राहुल व अन्य कई लोगों ने विरोध करते हुए बताया कि उनकी ओर से अपनी निजी भूमि पर स्ट्रकचर , मकान व शैड बनाए हुए है इसमें किसी को भी कोई एतराज नहीं होना चाहिए तथा वह लोग अपनी निजी भूमि पर जो सही होगा कर सकते है। वहीं पर आई हुई टीम के सचिव एसई ऐडमन सरदार जेपी सिंह ने बताया कि जब तक वहां पर बनाए हुए स्ट्रकचरों की पूरी जानकारी नहीं हासिल जो जाती तब तक कैसे इन प्रभावित होने वाले लोगों को मुआवजा तय किया जाएगा। इस मौके पर उक्त जमीन के मालिक और बांध प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे। 

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