11 साल की बच्ची की मौत कोरोना के कारण हो गई , मासूम को कंधा देने के लिए कोई आगे नहीं आया, आखिर में बुजुर्ग पिता ने शव को कंधे पर लादकर कई किलोमीटर पैदल चलकर श्मशान तक पहुंचाया

जालंधर: कोरोना महामारी के आगे  इंसानियत भी लाचार और बेबस दिखाई दे रही है. कोरोना के कारण हुई मौत की वजह से लोग लाशों को हाथ लगाने से भी कतराते हैं. ऐसे तमाम मामले सामने आए हैं जहां परिवार ने या तो कोविड संक्रमित को लावारिस छोड़ दिया या फिर समाज ने कोरोना की चपेट में मरीज का बहिष्कार कर दिया.

ऐसा ही एक मामला जालंधर में सामने आया है, जहां 11 साल की बच्ची का निधन कोरोना के कारण हो गया, पहले प्रशासन की लापरवाही ने उसे सुविधाएं ही नहीं मिली और बाद में समाज की तरफ से मासूम को कंधा देने के लिए कोई आगे नहीं आया, आखिर में बुजुर्ग पिता ने शव को कंधे पर लादकर कई किलोमीटर पैदल चलकर श्मशान तक पहुंचाया.

घटना का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया.  कोरोना महामारी में प्रशासन ने सख्त आदेश दिए हैं कि अगर किसी कोरोना मरीज की मौत हो जाती है तो उसका दाह संस्कार करने का जिम्मा प्रशासन खुद उठाएगा लेकिन इसके विपरित मृतक के परिजन को यहां शव को श्मशान घाट तक खुद ही ले जाना पड़ा.

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मृतक सोनू के पिता दिलीप कुमार ने बताया कि सिविल हॉस्पिटल जालंधर ने उनकी बेटी को अमृतसर रेफर कर दिया था. पहले उनसे खून के बोतल के एवज में 4500 रुपये लिए गए और बच्ची के निधन के बाद एंबुलेंस के नाम पर 2500 रुपये भी चार्ज किए गए, जबकि कोई सुविधा उन्हें नहीं मिली. 

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