राजनीतिक आकाओं के इशारों पर झूठे केस दर्ज करने से पुलिस के प्रति विश्वास व आस्था को नुकसान: मीनू सेठी

राजनीतिक आकाओं के इशारों पर झूठे केस दर्ज करने से पुलिस के प्रति विश्वास व आस्था को नुकसान: मीनू सेठी
जिला महिला मोर्चा ने भाजपा नेताओं पर झूठे केसों को वापिस लेने की मांग की

होशियारपुर (ADESH PARMINDER SINGH)  कोरोना के खिलाफ चल रही जंग से लोगों को राहत सामग्री घर-घर देने वाले भाजपा नेताओं को झूठे मामले दर्ज कर फंसाने की सर्वोच्च निंदा हो रही है। इस संदर्भ में भाजपा महिला मोर्चा की मीनू सेठी, अर्चना जैन, राकेश सूद, बिंदू सूद, ऊषा भल्ला, कुलवंत कौर, दविंदर सूरी, मंजू सैनी, चंचला देवी आदि ने कड़े शब्दों में निंदा करतेहुए कहा कि कोरोना संक्रमण से लड़ रहे पुलिस कर्मी योद्धाओं के साहस की सब जगह प्रशंसा हो रही हैं तथा उनकी भूमिका के प्रति लोगों की आस्था बंधी है। परंतु सत्ताधारी राजनीतिज्ञों के अनुचित हस्तक्षेप के अंतर्गत भाजपा व अन्य विरोधियों के ऊपर पुलिस को हथकंडा बनाकर झूठे केस दर्ज करवाने से पुलिस के प्रति लोगों की आस्था को धक्का लगा है। मीनू ने कहा कि हलक दर्ज की राजनीति करने पर आमदा है। उन्होंने कहा कि मामले में स्थानीय मंत्री में नियमों को ताक पर रखकर सरकारी राश न अपनी चटहेती नेत्री के घर रखवा कर प्रमाण दिय है कि सरकारी तं फेल हो चुका है। दिस कारण कांग्रेसी वर्करों द्वारा राशन बंटवाया जा रहा है। सरकारी राशन का प्राइवेट हाथों में जाना सरासर उल्लंघना है तथा सतीष बावा समेत पंचायत सदस्यों में 5 महिलाओं व पुरूषों पर महिला के साथ र्दुव्यवहार व धक्केशाबी वाली बात गले नहीं उतर रही। उस घटना के सारे वीडियो उस कांग्रेसी नेत्री को ही दोषी दिखा रहे हैं तथा भाजपा नेताओं पर अभद्र व्यवहार के गलत इल्जाम लगाकर स्पष्ट साबित होते हैं। उन्होंने कांग्रेस महिला विंग प्रधान व उनके साथियों द्वारा भाजपा नेताओं का गुंडा शब्द संबोधन करने पर बड़ी अपील जताई। कहा कि महिला विंग को भी प्रैस में जाने से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए थी। कांग्रेसी नेत्री बिंदू शर्मा ने राजनीतिक निम्रता की सारी हदें पार कर दी तथा अपने साथ आभद्रव्यवहार की मनघडंत कहानी बनाकर राजनीतिक दबाव बना झूठे आरोप में फंसा दिया  जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्षा मीनू सेठी ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में दिनरात ड्यूटी करके लोगों की सुरक्षा कर रहे पुलिस कर्मियों के प्रति विश्वास बना है लेकिन राजनीतिक दवाब में झूठे पर्चे दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों की छवी से यह विश्वास स्थिर नहीं रहेगा। इसलिए प्रशासन ऐसे अधिकारियों पर नकेल डालें और निष्पक्ष जांच करके झूठे मामले खत्म करे। 
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