BREAKING : पंजाब सरकार द्वारा सभी निजी और सार्वजनिक सेवा वाहनों को सख्त शर्तों के साथ प्रात:काल 5 बजे से रात 9 बजे तक चलने की आज्ञा- रजिया सुल्ताना


स्टेट कैरेज पर्मिट रखने वाले सभी सार्वजनिक सेवा वाहनों को उनके निर्धारित रूट पर चलने की अनुमति
स्टेट कैरेज पर्मिट बसें शर्तों के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में चल सकती हैं
अंतरराज्जीय बस सेवाओं को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी
चंडीगढ़, 6 जून:
राज्य के नागरिकों को अपने कामकाज के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए अपेक्षित राहत प्रदान करने की कोशिश के तौर पर पंजाब सरकार ने सभी निजी (गैर-परिवहन) और सार्वजनिक सेवा वाहनों को समर्थ अथॉरिटी की तरफ से ऐलाने कंटेनमैंट ज़ोनों को छोड़ कर सख्त शर्तों के अंतर्गत प्रात:काल 5 बजे से रात 9 बजे तक चलने की आज्ञा दी गई है जिससे घातक कोरोनावायरस के फैलाव को रोका जा सके। यह प्रगटावा पंजाब के परिवहन मंत्री श्रीमती रजिया सुल्ताना ने आज यहाँ जारी एक प्रैस बयान में किया।
परिवहन मंत्री ने कहा कि इससे पहले 31 मई, 2020 को पंजाब सरकार द्वारा जारी नोटीफिकेशन में ई-रिक्सा और ऑटो रिक्शा, मैक्सी कैब / मोटर कैब और प्राईवेट वाहनों (गैर-परिवहन) समेत सभी सार्वजनिक सेवा वाहनों को 30 जून, 2020 तक रात 9 बजे से प्रात:काल 5बजे तक चलने की मनाही थी। उन्होंने कहा कि अब सरकार ने नागरिकों को कुछ राहत देने का फ़ैसला किया है जिससे वह अपने रोज़ाना के कामकाज के लिए आ जा सकें। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सेवा वाहनों को चलाने की इजाज़त इस शर्त के साथ दी गई है कि यात्रा के दौरान बसों में बैठने की क्षमता के 50 प्रतिशत से अधिक बसों को न भरा जाये जिससे उपयुक्त सामाजिक दूरी को यकीनी बनाया जा सके। स्टेट कैरिज़ पर्मिट रखने वाले सभी सार्वजनिक सेवा वाहनों को उनके निर्धारित रूट पर चलने की आज्ञा दी जाऐगी, बशर्तें सार्वजनिक सेवा वाहन चलाने वाला व्यक्ति यह सुनिश्चित करेगा कि यात्री ऐसे वाहन पर सिफऱ् यात्रा के शुरू होने वाली जगह से चढऩे और यात्री सफऱ के ख़त्म होने वाली जगह या जि़ला हैडक्वाटर या सब-डिविजऩल हैडक्वाटर या ब्लॉक हैडक्वाटरज़ या बस स्टैंड या म्युनिसिपल टाऊन बस स्टैंड से बिना अन्य किसी जगह पर न उतरें। सभी यात्री सवार होने के समय से उतरने के समय मास्क पहन कर रखें और वाहन में सवार होने से पहले हर यात्री के शरीर के तापमान की जांच की जाये।
श्रीमती रजिया सुल्ताना ने कहा कि स्टेट कैरिज़ परमिट रखने वाली बसें ग्रामीण क्षेत्रों में उपरोक्त शर्तों के अधीन चल सकती हैं परन्तु स्टेट ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग की बसों जो आसपास के इलाकों से चंडीगढ़ आने वाले सरकारी कर्मचारियों को लाने और ले जाने के उद्द्ेश्य के लिए हैं, पर लोगों को बैठने की क्षमता के 50 प्रतिशत से ज़्यादा न भरने सम्बन्धी बतायी शर्त के अलावा इन शर्तों के लिए लागू नहीं होंगी।  हालाँकि, सरकारी कर्मचारियों के लिए यात्रा के दौरान मास्क पहनना लाजि़मी होगा।
उन्होंने कहा कि अंतरराज्जीय बस सेवाओं को इस आदेश के द्वारा लागू शर्तों और यातायात और स्वास्थ्य विभागों के द्वारा समय-समय पर जारी स्टैंडर्ड ओपरेटिंग प्रोसिजरज के मुताबिक चलने की सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दी गई है। परिवहन विभाग हर राज्य के साथ अलग तौर पर तालमेल करेगा।
उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा, मैक्सी -कैबज़, मोटर -कैबज़ को सिफऱ् 1 चालक और 2 यात्रियों की आज्ञा है। ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा, मैक्सी -कैबज़, मोटर -कैबज़ की हर यात्रा के बाद उचित तरीके से सफ़ाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐगरीगेटरज़ द्वारा कार -पुल्लिंग / कार -शेयरिंग की आज्ञा नहीं है।    
श्रीमती रजिया सुल्ताना ने कहा कि प्राईवेट वाहनों (गैर-परिवहन) को चलाने की इजाज़त इस शर्त के साथ दी गई है कि दो पहिया वाहन चालकों के मामले में अधिक से अधिक एक पीछे बैठने वाली सवारी (पीलियन राइडर), जोकि एक नाबालिग बच्चा या चालक का पति / पत्नी है, की आज्ञा है। चार पहिया वाहन के मामले में 1 चालक और अधिक से अधिक 2 यात्रियों को आज्ञा है। वाहन की अधिक से अधिक क्षमता के मुताबिक यात्रियों के बैठने की आज्ञा केवल तभी है अगर सभी यात्री एक ही परिवार (सिफऱ् माता-पिता, पति /पत्नी और बच्चा) से सम्बन्धित हों।
परिवहन मंत्री ने आगे कहा कि प्राईवेट (गैर-परिवहन) और सार्वजनिक सेवा वाहनों की आम शर्तों में यह शामिल किया गया है कि सार्वजनिक सेवा वाहनों पर तैनात पूरे स्टाफ को लक्षणों की स्व निगरानी करनी चाहिए और यदि लक्षण सामने आते हैं तो उक्त व्यक्ति इस सम्बन्धी जि़ला मैजिस्ट्रेट या सिवल सर्जन को रिपोर्ट करेगा। श्रीमती रजिया सुल्ताना ने आगे कहा कि ऐपीडैमिक डिसीज़ एक्ट 1897 और आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 के अंतर्गत समय-समय पर कोविड -19 के सम्बन्ध में जारी सभी दिशा-निर्देश, प्रोटोकोल, आदेश लागू होंगे। इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले के विरुद्ध राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एक्ट 2005, आइपीसी और मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की सम्बन्धित धाराओंं के अंतर्गत मुकदमा चलाया जायेगा। परिवहन विभाग के सभी दिशा-निर्देश और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर लागू होंगे।
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