अध्यापकों की मेहनत व सुविधाओं में सुधार से बढ़ा सरकारी स्कूलों में रिकॉर्ड दाखिला

अध्यापकों की मेहनत व सुविधाओं में सुधार से बढ़ा सरकारी स्कूलों में रिकॉर्ड दाखिला
होशिआरपुर (आदेश ): शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार द्वारा तय किए गए सरकारी स्कूलों में बच्चों की गिनती बढ़ाने का लक्ष्य अध्यापकों की मेहनत द्वारा रंग लाने लगा है। पिछले दिनों में कोरोना की महामारी से लोगों को बचाने के लिए जहां लॉकडाउन तथा कर्फ्यू का सामना प्रदेश के लोगों को करना पड़ा, वहीं लोगों को इस महामारी से निजात दिलाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सावधानियों से जागरूक करने में भी अध्यापक वर्ग में अहम रोल अदा किया। इस जिम्मेदारी को सरकारी स्कूलों के अध्यापक पूरी तनदेही से निभा रहे हैं। इसके साथ ही विभाग के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी ऑनलाइन कक्षाएं लगा कर, विद्यार्थियों को किताबें बांट कर, अनाज बांट कर और सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के ऑनलाइन दाखिले करके बखूबी निभा रहे हैं। अध्यापकों की मेहनत को शिक्षा सचिव किशन कुमार तथा जिला शिक्षा अधिकारी एलिमेंट्री एवं सेकेंडरी बलदेव राज ने सराहा है।उन्होंने कहा कि जिले में लॉकडाउन के बावजूद हो रहे सरकारी स्कूलों के दाखिले के आंकड़े प्रमाण हैं। जिले में न सिर्फ प्री -प्राथमिक से पांचवी तक बल्कि 12वीं तक भी रिकॉर्ड दाखिला दर्ज किया गया है। इस दाखिला बढ़ने का मुख्य कारण सरकारी स्कूलों में दीं जा रही सुविधाओं के साथ-साथ पढ़ाई में बड़े गुणात्मक सुधार भी हैं। सरकार ने या यूं कहें कि शिक्षा विभाग में इस बार तहसील स्तर पर कक्षाओं के पुराने व अब के आंकड़ों का मिलान किया है।जिस कक्षा में बच्चे कम पाई जा रहे हैं उनके प्रिंसिपल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान इसका कारण पूछा जा रहा है क्योंकि विभाग ने इस बार मिशन शत-प्रतिशत जोर शोर से चलाया।अगर इसके बावजूद कुछ स्कूलों ने बच्चे कम हुए तो फिर यह है तो उनको इसका जवाब देना होगा और शिक्षा सचिव किसी भी मनगढ़ंत बात को स्वीकार नहीं करते।उन्होंने तो शिक्षा के सुधार के लिए एक कमेटी तक बना दी है जो अब निरंतर शिक्षा में आ रहे किसी भी बदलाव पर नजर रखेगी।शिक्षा विभाग की तरफ से प्रदेश में साल 2017 में शुरू की प्री- प्राइमरी कक्षाओं में हो रहा विद्यार्थियों का भाषा, सामाजिक, शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक विकास में कामयाब हुआ है, जोकि प्री-प्राइमरी में पिछले साल के मुकाबले 2330 विद्यार्थी के वृद्धि में सहायक हुआ है। बीते वर्ष में प्री प्राइमरी विद्यार्थियों की संख्या 3439 थी से बढ़कर 5769 हो गई है। इसी प्रकार जिले में प्राइमरी कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या 59837 थी जो कि बढ़कर 65606 हो गई है।सरकारी स्कूलों में अग्रेजी माध्यम की शुरूआत, स्मार्ट क्लास रूम, एलईडीज, स्मार्ट स्कूलों की स्थापना, पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब के अंतर्गत हो रहे गुणात्मक सुधारों के कारण जिले में पहली से 12वीं तक के विद्यार्थियों की संख्या में विस्तार दर्ज किया गया है।
जिले में है मेहनती अध्यापक: बलदेव राज जिला शिक्षा अधिकारी एलीमेंट्री एवं सेकेंडरी
जिला शिक्षा अफसर बलदेव राज के अनुसार प्री-प्राइमरी से पांचवीं में ब्लॉक विद्यार्थियों का विस्तार हुआ है। इस का मुख्य कारण जिले के अध्यापकों का मेहनती, मेहनती और समय के अनुरूप ढलना है और पढ़ो पंजाब पढ़ायो पंजाब टीम का सहयोग होना है।
ऑनलाइन पढ़ाई को मिल रहा सहयोग: धीरज वशिष्ठ
उप जिला शिक्षा अधिकारी धीरज वशिष्ठ ने बताया कि शिक्षा विभाग की तरफ से अलग-अलग चैनलों द्वारा तीसरी से 12वीं कक्षा तक करवाई जा रही। ऑनलइन पढ़ाई में भी दाखिला मुहिम को को अच्छा सहयोग मिला है। इसके साथ विद्यार्थियों में पढ़ाई के प्रति अलग रूचि और उत्सुकता देखने को मिल रही है।

ऑनलाइन अभिभावक-अध्यापक मिलनी कार्यक्रम भी बना सहायक: हरमिंदर सिंह
जिला कोऑर्डिनेटर पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब हरमिंदर सिंह ने बताया कि मुख्य दफ्तर के दिशा निर्देशों के अंतर्गत चल रही ऑनलाइन माता-पिता अध्यापक मिलनी ने अध्यापकों और माता-पिता की न सिर्फ नजदीकी बढ़ाई है,

बल्कि सरकारी स्कूलों के प्रति विश्वास भी पैदा किया है। स्कूल मुखियों अनुसार प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों के माता पिता दाखिले संबंधी संबंध में कायम कर रहे हैं। स्कूल अध्यापकों और पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब टीम के प्रयोगों के चलते सरकारी स्कूलों में रोजमर्रा के विद्यार्थी के दाखिल में विस्तार हो रहा है।
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