BIG NEWS: पंजाब में सेना के जवान सहित 4 अन्यों की गिरफ्तारी से नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी के गिरोह का पर्दाफाश

सेना के जवान सहित 4 अन्यों की गिरफ्तारी से नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी के गिरोह का पर्दाफाश


पैसे के लेन-देन पर नजर रखने के चलते सरहद पार से तस्करी के नये केस उजागर हुए- डी.जी.पी.

 पठानकोट , 20 जुलाई (राजन ब्यूरो ) :पंजाब पुलिस ने बीएसएफ  के एक जवान और तीन अन्य व्यक्तियों की गिरफ्तारी से गैरकानूनी हथियारों और नशा तस्करी के रैकेट का पर्दाफाश किया है। इसी सम्बन्ध में पिछले हफ्ते एक सेना के जवान और अन्य मुलजिमों को गिरफ्तार किया गया था।
डीजीपी पंजाब दिनकर गुप्ता ने बताया कि इस केस में अब तक 8 व्यक्ति गिरफ्तार किये गए हैं और पुलिस पैसों का बड़ा लेन देन करने की जांच में जुटी हुई है क्योंकि पंजाब में नशे को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की तरफ से राज्य में से नशे के खात्मे के लिए लोगों से वादा किया हुआ है।

New cases of smuggling from across the border  exposed due to monitoring the money transactions – DGP.


ताजा गिरफ्तारियों का विवरण देते हुए डीजीपी ने बताया कि बीएसएफ के सिपाही सुमित कुमार द्वारा किये खुलासों के आधार पर भारतीय सेना के एक सिपाही रमनदीप सिंह, को बरेली (उत्तर प्रदेश) से गिरफ्तार किया गया है, जहाँ वह इस समय पर तैनात था। इसको एक हफ्ता पहले जालंधर (देहाती) पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये उसके साथी बीएसएफ के सिपाही सुमित कुमार की सूचना पर काबू किया है।
पुलिस ने रमनदीप के तीन साथी तरनजोत सिंह उर्फ तन्ना, जगजीत सिंह उर्फ लाडी और सतीन्द्र सिंह उर्फ काला को भी गिरफ्तार किया गया है और उनको प्रोडकशन वारंट पर लाया जा रहा है। काले के पास से नशे की रकम के तौर पर 10 लाख रुपए की राशी बरामद की गई है, जिससे इस मामले में जब्त की गई सारी रकम की कुल राशि 42.30 लाख रुपए हो गई है।

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बीएसएफ का  सिपाही सुमित गाँव मगर मुडियां, थाना दोरांगला जिला गुरदासपुर से सम्बन्धित

सुमित भी गाँव मगर मुडियां, थाना दोरांगला जिला गुरदासपुर से सम्बन्धित है जहाँ से रमनदीप है जिसने पूछताछ के दौरान खुलासा किया था कि उसे उसके गाँव के सहपाठी फौजी जवान सुमित ने सरहद पार से नशीली वस्तुएँ और हथियारों की तस्करी के रैकेट में फसाया है। यह दोनों अपने गाँव में कत्ल करने के बाद गुरदासपुर जेल में इकठ्ठा बंद थे। सुमित कुमार 04.01.2018 को और रमनदीप सिंह 14.09.2019 जमानत से बाहर आ गया था।
डीजीपी के अनुसार रमनदीप, अपने साथियों तरनजोत सिंह उर्फ तन्ना और सतीन्द्र सिंह उर्फ काला से साजिश रचकर नशे और हथियारों की तस्करी का रैकेट चला रहा था। काला, कुछ समय के लिए, अमृतसर जेल में बंद था, जहाँ वह एक पाकिस्तानी नागरिक मौलवी उर्फ मुल्ला के संपर्क में आया, जिसने उसे पाकिस्तानी तस्करों से जान-पहचान करवाई।

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गुप्ता ने बताया कि अमृतसर जेल से सतीन्द्र को कपूरथला जेल में तबदील कर दिया गया था जहाँ उसने तरनजोत सिंह उर्फ तन्ना से दोस्ती की और उसको साथी बना लिया। काला ने इस रैकेट में बीएसएफ के एक जवान की शमूलियत की जरूरत के बारे में बताने के बाद, रमनदीप सिंह ने सुमित कुमार को भी नशा तस्करी के काम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

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गिरोह के कामकाज पर रौशनी डालते हुए डीजीपी ने कहा कि सुमित सरहद पर लगी कँटीली तार, नशा सप्लाई करने वाले स्थानों और अन्य स्थानों की तस्वीरें तन्ना और काला भेजता था। पूर्व-निर्धारित समय और स्थान पर भारत वाले हिस्से से खेप की सुपुर्दगी के बाद, तन्ना के तीन अन्य साथी इसको सुमित कुमार के पास से एकत्रित करते थे। गुप्ता ने बताया कि जगजीत सिंह उर्फ लाडी नशे की खेपों को ठिकाने लगाने के लिए उनको अपनी स्विफ्ट कार मुहैया करवाता था।

पाकिस्तान आधारित तस्करों से नशीले पदार्थों की आमद से 39 लाख रुपए प्राप्त हुए- DGP DINKAR GUPTA


पुलिस के डायरैक्टर जनरल ने बताया कि, अब तक की गई जांच के आधार पर इन मुलजिमों की तरफ से अब तक 42 पैकेट हेरोइन, 9 मिलिमीटर की विदेशी बनी पिस्तौल (80 जीवित कारतूसों और 12 बोर बंदूक के 2 जिंदा कारतूसों) तस्करी किये जाने का शक है। उन्होंने यह भी कहा कि उनको अब तक पाकिस्तान आधारित तस्करों से नशीले पदार्थों की आमद से 39 लाख रुपए प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस राशि में से 39 लाख रुपए सुमित कुमार द्वारा अपने इन साथियों और रमनदीप सिंह के बीच बराबर बाँटने के लिए प्राप्त हुए।


पंजाब डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने नार्को आतंकवाद सप्लाई चेन तोडऩे के लिए पाकिस्तान, यू.ए.ई. और भारत के अलग अलग हिस्सों जैसे कि पंजाब, जम्मू-कशमीर, दिल्ली आदि में स्थित नशा तस्करी और सप्लाई के व्यापार के द्वारा पैसों के लेन-देन की रणनीति पर निगरानी रखकर अलग-अलग स्थानों पर सख्त कार्यवाही करके इस तस्कर गिरोह का सफलतापूर्वक पर्दाफाश किया है, जोकि आईएसआई और अन्य पाक संस्थाओं की तरफ से आतंकवादी कार्यवाहियों के लिए वित्तीय सहायता करने के तौर पर सीधी निगरानी अधीन चलाया जा रहा है।

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