सरकारी माडल स्कूल मे हुआ रिकाड तोड़ दाखला

(प्रिंसीपल किरन च्योति)

इस बार 768 के बदले हुये 820 छात्रों के दाखले

बांध परियोजना के अधिकारियों ने दी प्रिंसीपल को बधाई

प्राईवेट स्कूलों की तरह अब मिल रही सरकारी स्कूलों मे भी सुविधा : प्रिंसिपल किरन च्योति

जुगियाल पठानकोट 7 नवंबर (के के हैप्पी) : केंद्र और पंजाब सरकार की ओर से शिक्षा क्षेत्र मे सुधार लाने और उसका सत्र बढ़ाने के उदेश्य से अनेकों स्कीमों तथा कार्यक्रम किये जा रहे है जिस का नतीजा सामने आ रहा है। इसी कड़ी मे शाहपुर कंडी टाउन शिप का ऐक मात्र इंगलिश मीडियम स्कूल दिन प्रति दिन बांध प्रशासन के सहयोग और स्कूल स्टाफ की मेहनत के सदका बुलंदियों को छू रहा है। इस बार बांध परियोजना के सरकारी माडल स्कूल मे रिकाड़ तोड़ छात्रों का दाखला हुआ है।

जिस की जानकारी देते हुये प्रिंसीपल किरन च्योति ने बताया कि पिछले वर्ष सरकारी माडल स्कूल मे 768 छात्र पढ़ रहे थे। जिन मे वृद्धि हो कर इस बार 820 छात्रों ने दाखला लिया है। इस मौके पर उन्होने बताया कि सिचाई विभाग रणजीत सागर बांध परियोजना का सरकारी माडल स्कूल शाहपुर कंडी टाउन शिप क्षेत्र मे ऐक मात्र सीबीएससी के स्लेबस और शिक्षा विभाग पंजाब के दिशा निर्देश के अनुसार चल रहा है। जिस मे बांध परियोजना और शिक्षा विभाग पंजाब के अधियापक छात्रों को निशुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे है। जब कि प्राईवेट स्कूलों द्वारा फीस की मांग की जा रही है। इस लिये आस पास के स्कूलों के छात्रों का दाखला भी सरकारी माडल स्कूल मे हो रहा है।

उन्होने बताया कि स्कूल मे पिछले वर्ष पहली कक्षा से लेकर आठवी कक्षा के लगभग 451 छात्रों को मिल डे मील की सुविधा प्रदान हो रही थी। कोविड -19 के चलते छात्रों के अभिवाकों को गेहू स्कूल मे वितरत कर दी गई थी। साथ ही 215 छात्रों के खातों मे अन्य सम्रगी के पैसे डाल दिये गये तथा शेष छात्रों के खातों मे भी जल्द पैसे भेज दिये जायेगे। इस मौके पर उन्होने बताया कि स्कूल मे स्टाफ की भारी कमी पाई जा रही पर फिर भी सभी छात्रों की कक्षांए आन लाईन चलाई जा रही है। इस के इलावा अधियापकों की ओर से कक्षा वाईस व्हाट्सप्प ग्रूप बनाए गये है जिस के जरीये छात्रों और टीचरों का संपर्क बना रहता है और उनका शिक्षा के क्षेत्र मे सहाई होता है।

इस मौके पर उन्होने बांध प्रशासन और शिक्षा विभाग से स्कूल मे स्टाफ की कमी के चलते हुये अधियापकों की मांग की है तां जो आने वाले समय मे प्राईवेट स्कूलों के मुकाबले सरकारी माडल स्कूल अपना बेहतर प्रदर्शन कर सके। इस मौके पर स्कूल का अन्य स्टाफ मौजूद था। 

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