तीक्ष्ण सूद ने उद्योग मंत्री अरोड़ा को  बर्खास्त करके जेसीटी प्लाट नीलामी रद्द करके  सीबीआई  से इंक्वायरी करवाने की मांग रखी

तीक्ष्ण सूद ने उद्योग मंत्री अरोड़ा को  बर्खास्त करके जेसीटी प्लाट नीलामी रद्द करके  सीबीआई  से इंक्वायरी करवाने की मांग रखी
कहा कि एडवोकेट जनरल  की रिपोर्ट आने  के बाद मुख्यमंत्री की चुपी  पूरी सरकार के भ्रष्टाचार में  लिप्त  होने का  देती है संकेत

होशियारपुर : बहुचर्चित  जेसीटी  इलेक्ट्रोनिक घोटाले को आज से 7 महीने पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता तीक्ष्ण सूद, आम आदमी पार्टी के नेता हरपाल सिंह चिमा तथा डिप्टी  स्पीकर स. वीर दविंदर सिंह द्वारा उजागर  किया गया था।  जिसमे फोकल पॉइंट फेज 8 मोहाली में 32 एकड़ के प्लाट नंबर 32 ए की नीलामी में गंभीर  घपलेबाजी का  लगाते हुए। 350  करोड से अधिक रकम के घोटाले  की बात की गई थी।  आरोप के अनुसार मारवेला ग्रांट से सम्बंधित फर्म जीआरजी जो कि उद्योग मंत्री के नजदीकी है उन्हें सभी नियमों की छिक्के पर रख कर 32 एकड़ का इंडस्ट्रियल प्लाट मात्र 90  करोड़ की नीलामी पर दे कर सिर्फ 45  करोड़ जमा करवाकर  आगे बेचने के लिए दे दिया था व खरीददार फर्म ने ब्राशर जारी करके उसके प्लाट काट कर जो कीमत लगाई  थी उससे खरीददार फर्म 450 करोड़ रुपए का आकस्मिक लाभ  उठाने जा रही थी।  

इस मामले में उद्योग  मंत्री जो कि विभाग  का कस्टोडियन  है ने आरजीआर  फर्म को प्लाट  दिलवाने के  लिए  नीलामी  की बकाया रकम  45 करोड रुपए  भी  नियमों के खिलाफ तुरंत वसूलने की बजाए बाद में वसूलने की व्यवस्था करवा दी। उद्योग मंत्री अरोड़ा ने इस बोली को नियमों के अनुसार घोषित करते हुए आरोपों को नकारा था। परंतु एडवोकेट जनरल की रिपोर्ट ने इस मामले में सरकार को 125 करोड़ का चूना  लगने की बात प्रमाणित करके एक बार फिर उद्योग विभाग  तथा उद्योग मंत्री को कटघरे में खड़ा कर दिया। इसके बावजूद भी उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा इस घोटाले के तथ्य को नकार कर अपने को सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं तथा नीलामी को सही बता रहे हैं। प्रेस को जारी नोट में पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद ने कहा है कि मंत्री होने के प्रभाव के अंतर्गत सुंदर शाम अरोड़ा घोटाले के दस्तावेजों से छेड़छाड़ करके व अन्य डॉक्यूमेंट तैयार करके अपने को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार तथा मुख्यमंत्री अगर इस घोटाले से अपने आप को अलग रखना चाहते हैं तो उन्हें उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को  तुरंत  बर्खास्त करके सीबीआई से जांच करवानी चाहिए व जेसीटी प्लॉट घोटाले के सौदे को रद्द करके मंत्री समेत संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के अतिरिक्त इस सौदे  में सरकार को हुए घाटे व खर्चे के उत्तरदाई पक्षों से वसूल कर इन्फोटेक के खाते में डालने चाहिए। क्योंकि एडवोकेट जनरल की रिपोर्ट के बाद इस नीलामी के एक बहुसैंकड़ी घोटाला होने का कोई  संशय नहीं रह सकता है। 

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