LATEST : गवर्नर तथा मुख्यमंत्री विवाद में पंजाब को हो सकता है भारी नुकसान : तीक्ष्ण सूद

गवर्नर तथा मुख्यमंत्री विवाद में पंजाब को हो सकता है भारी नुकसान : तीक्ष्ण सूद


कहा: भगवंत मान  हेंकड़बाजी  छोड़कर गवर्नर द्वारा पंजाब के लोगों के  वास्ते उठाए गए मुद्दों का जवाब भी दे और कार्रवाई भी करें :

होशियारपुर:  भाजपा नेताओं  पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद, पूर्व मेयर शिव सूद, विनोद परमार, कमल वर्मा, यशपाल शर्मा द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि पंजाब के माननीय गवर्नर  श्री बनवारी लाल पुरोहित द्वारा पंजाब सरकार से जो प्रिंसिपलों  की ट्रेनिंग के ब्योरों, अनुसूचित जाती  के विद्यार्थियों की स्कालरशिप तथा कम्युनिकेशन कंम्यूनिटी  के चेयरमैन दविंदरजीत  सिंह के मनोनयन तथा एस.एस.पी चंडीगढ़ से वापिस पंजाब भेजे गए  .

जलंधर के कमिशनर पुलिस   श्री कुलदीप सिंह चाहल से  संबंधित कुछ प्रश्न लिखती  तौर पर पूछ कर जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई है, वह गवर्नर के अधिकार क्षेत्र में है, क्योंकि  गवर्नर किसी भी राज्य का संविधानिक  मुखी होता है तथा उसे इस बात को यकीनी बनाना होता है कि राज्य की सरकार संवैधानिक व्यवस्था के अंतर्गत ठीक-ठाक काम कर रही है, अगर इसमें कोई कतोहि  बरती  जाती है, तो गवर्नर का केवल कर्तव्य ही  नहीं बल्कि अधिकार भी है कि वह राज्य सरकार से इस बारे में जानकारी हासिल करके केंद्र को रिपोर्ट दे, किसी भी सरकार द्वारा अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए कोई भी गलत  काम करने के विरोध में राजनीतिक दल व आम जनता सरकार के खिलाफ गवर्नर को मिलते भी हैं  तथा शिकायत भी करते हैं, मौजूदा मामले में मुख्यमंत्री भगवंत  मान  को अपनी  हेंकड़बाजी छोड़कर गवर्नर द्वारा मांगी  जानकारी भेजी जानी चाहिए थी, ना कि  यह कटाक्ष करना कि मुख्यमंत्री उनको जवाब देह  नहीं है, बल्कि पंजाब की 3 करोड़ जनता को हैं।

इससे आगे  मुख्यमंत्री जी का यह  भी कहना है कि आप बताएं कि आपकी सिलेक्शन कैसे हुई है  भी  गवर्नर की  संवैधानिक पद की गरिमा को चोट करने वाली बात है, जो कि घोर निंदनीय है। भाजपा नेताओं ने कहा कि आम आदमी पार्टी  अराजकतावादी पार्टी  है तथा जानबूझकर अपने वादों तथा लोक  हित के मुद्दों से जनता  का ध्यान भटकाने के लिए गवर्नर के खिलाफ इस तरह की गलत बयानबाजी कर रही है, जो कि शोभनीय नहीं हैं। भाजपा नेताओं ने कहा कि भगवंत मान के इस रवैया से पंजाब को भारी नुकसान सहना पड़ सकता है, क्योंकि गवर्नर से तालमेल के बगैर कोई भी राज्य सरकार अपना काम ठीक ढंग से नहीं चला सकती। 

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