चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा सुनाई गयी उनकी बचपन की एक सच्ची घटना

DOABA TIMES : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जब मैं एक छोटा बच्चा था, तो मैं बहुत स्वार्थी था, हमेशा अपने लिए सबसे अच्छा चाहता था। धीरे-धीरे, सभी ने मुझे छोड़ दिया और मेरे कोई दोस्त नहीं था। मुझे नहीं लगा कि यह मेरी गलती थी और मैं दूसरों की आलोचना ही करता रहता था।

मेरे पिता ने मुझे जीवन में मेरी मदद करने के लिए 3 चीज़े सिखाई।

एक दिन, मेरे पिता ने नूडल्स के 2 कटोरे पकाए, 2 कटोरे मेज पर रख दिए। एक कटोरी में ऊपर एक अंडा था और दूसरे कटोरे में ऊपर कोई अंडा नहीं था।

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उन्होंने कहा “मेरा बच्चा। कौन सा कटोरा तुम चाहते हो ”। उन दिनों में अंडे मिलना मुश्किल था! केवल त्योहारों या नए साल के दौरान अंडे खाने के लिए मिलते थे।

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बेशक मैंने अंडे वाली कटोरा लेली। जैसे हमने खाना शुरू किया। मैं अपनी बुद्धिमानी पसंद / निर्णय पर खुद को बधाई दे रहा था और अंडे को फोड़ रहा था।

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मैं आश्चर्यचकित हो गया जब मेरे पिता ने अपने नूडल्स खाए, नूडल्स के नीचे उनके कटोरे में दो अंडे थे!

मुझे बहुत पछतावा हुआ! और अपने फैसले में बहुत जल्दबाजी करने के लिए खुद को बुरा भला कह रहा था।

मेरे पिता ने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा, “मेरे बच्चे। आपको याद रखना चाहिए कि आपकी आँखें जो देखती हैं वह ज़रूरी नहीं की सच ही हो।

यदि आप लोगों से सिर्फ लेने का इरादा रखोगे, तो आपके हाथ में सिर्फ हार और पछतावा ही आएगा! ”

अगले दिन, मेरे पिता ने फिर से नूडल्स के 2 कटोरे पकाए: एक कटोरा में उसी तरह ऊपर की तरफ एक अंडा और दूसरा कटोरा जिसके ऊपर कोई अंडा नहीं था।

फिर, उन्होंने दोनों कटोरे टेबल पर रखे और मुझसे कहा, “मेरे बच्चे, तुम चुनो, तुम्हें कौन सा कटोरा चाहिए?”

इस बार मैंने होशियारी दिखाईऔर मैंने बिना किसी अंडे वाली कटोरा को ही चुना।

मेरे चौंका, जब मैंने नूडल्स को अलग करके देखा, तो कटोरे के निचले भाग में एक भी अंडा नहीं था!

फिर से मेरे पिता मुस्कुराए और मुझसे कहा, “मेरे बच्चे, आपको हमेशा अनुभवों पर भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि कभी-कभी, जीवन में आपको इससे धोखा भी हो सकता है।

लेकिन आपको बहुत गुस्सा या दुखी नहीं होना चाहिए, बस इसे एक सबक सीखने के रूप में मानें। आप इसे पाठ्यपुस्तकों से नहीं सीख सकते।

तीसरे दिन, मेरे पिता ने फिर से नूडल्स के 2 कटोरे पकाए, फिर एक कटोरी में ऊपर से अंडा और दूसरे कटोरे के ऊपर कोई अंडा नहीं था।

उन्होंने दोनों कटोरे टेबल पर रखे और फिर से मुझसे कहा, “मेरे बच्चे, तुम चुनो, तुम्हें कौन सा कटोरा चाहिए?”।

इस बार, मैंने अपने पिता से कहा, “पिताजी, आप पहले चुनें। आप परिवार के प्रमुख हैं और परिवार के लिए सबसे अधिक योगदान भी आप ही देते है।

मेरे पिता ने इस बात को मान लिया और अण्डे वाली कटोरा खाने के लिए चुनी। जैसा कि मैं अपने कटोरे में नूडल्स खा रहा था, तो मैं जनता था की मेरी कटोरी में कोई अण्डा नहीं है।

लेकिन, मैं बहुत आश्चर्यचकित हो गया मेरी कटोरे के नीचे दो अंडे थे।

मेरे पिता ने मेरी आँखों में प्यार से मुस्कुराते हुए कहा, “मेरे बच्चे, तुम्हें याद रखना चाहिए, जब तुम दूसरों की भलाई के लिए सोचते हो, तो हमेशा तुम्हारे साथ उससे अच्छा ही होगा।”

मैं हमेशा अपने पिता के इन 3 बातों को याद करता हूं और उसी के अनुसार अपने सरे निर्णय लेता हूँ। और यही कारण है की आज मैं एक सफल व्यक्ति हूँ।

यह कहानी अपने बच्चो को ज़रूर सुनाये और हो सके तो आप भी ऐसा ही परीक्षण करके देखे।

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