पंजाब ने फिर छोड़ा पाकिस्तान को 1050 क्यूसिक पानी,रणजीत सागर बांध परियोजना का 506 मीटर जल सत्र रखने के प्रयास

18 जून से आर एसडी से और भी अधिक छोड़ा जायेगा पानी, 16 जून को 103 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन

जुगियाल / पठानकोट ( के.के हैप्पी ) : शिवालक की पहाडिय़ों मे बर्फ पिघलने और चमेरा बांध की ओर से छोड़े जा रहे पानी के चलते रणजीत सागर बांध परियोजना को अगामी बरसात के लिये रणजीत सागर झील का जल सत्र 506 मीटर पर रखना एक चनौती बना हुआ है इसी के साथ पड़ोसी राच्य को एक बूंद पानी भी ना जाने के प्रयास भी विफल दिखाई दे रहे है। इस समय  रणजीत सागर बांध परियोजना से चार मेंं से तीन यूनिट चला कर 420 मेगावाट बिजली का उत्पादन लिया जा रहा है। प्रतिदिन एक करोड़ 30 लाख यूनिट से अधिक बिजली उत्पादन हो रहा है इसी के साथ पाकिस्तान की तरफ 1050 क्यूसिक पानी छोडऩा पड़ा। जैसे जैसे मानसून आने का समय समीप आ रहा है,उसी प्रकार रणजीत सागर बांध प्रशासन झील में पानी के स्तर को कम करने के  लिए प्रयास कर रहा है।

बांध प्रशासन ने 20 जून तक बांध परियोजना की झील का जलस्तर 506 मीटर तक लाने का लक्ष्य रखा है जिसके लिए बांध प्रशासन व पावन कॉम विभाग ने रणजीत सागर बांध परियोजना से बिजली उत्पादन को बढ़ा दिया है, जिसके तहत अब बांध प्रशासन चार में से तीन यूनिट 150 मेगावाट प्रति यूनिट की क्षमता से चला कर कुल 420 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। बांध प्रशासन ने आज तीन यूनिट चला कर कुल 420 मेगावाट बिजली उत्पादन ले कर 15015 क्यूसिक पानी माधोपुर हैडवकर््स को छोड़ा है। इस संबंध  में जानकारी देते हुए बांध प्रशासन के एसई हैड क्वाटर नरेश महाजन ने बताया कि इस समय बांध परियोजना की विशाल झील में पर्याप्त मात्रा में पानी है तथा अनुमान अनुसार लगभग 20 जून तक मानसून आने की संभावना बनी हुई है।

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जिसके लिए बांध प्रशासन ने सर्वसम्मति से चीफ इंजीनियर एसके सलुजा की अध्यक्षता में बैठक करके, झील के जलस्तर को 20 जून तक 506 मीटर तक लाने के लिए कार्य कर रहे है। जिसके तहत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये बिजली उत्पादन को बढ़ा दिया गया है साथ मे उसी अनुसार  पानी को छोड़ा जा रहा है। उन्होनें बताया कि इस समय पाकिस्तान की तरफ 1050 क्यूसिक पानी का बहाव छोडऩा पड़ रहा है। हाला कि इस समय रणजीत सागर बांध परियोजना की झील में चमेरा हाईडल प्रोजेक्ट से 8042 क्यूसिक पानी का बहाव आ रहा है तथा आरएसडी से तीन यूनिट चला कर 15156 क्यूसिक पानी माधोपुर हैडवकर््स की और छोड़ा जा रहा है। उन्होंनें बताया कि इस समय माधोपुर हैडवर्कस से यूबीडीसी नहर 7200 क्यूसिक, मैन व्यास लिंक नहर 5500 क्यूसिक, कश्मीर कैनाल में 650 क्यूसिक तथा राजस्थान फीडर की तरफ 300 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है।

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अगर आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाये तो बांध प्रशासन की ओर से पाकिस्तान को लीकेज के द्वारा जा रहे पानी के माधोपुर हैड वर्कस के 52 गेटों की रिपेयर और शाहपुर कंडी बांध के कुछ जरूरी कार्य के लिये 25 मई की रात 1 बजे  पानी को बंद कर बिजली के उत्पादन को रोक दिया था। उस समय रणजीत सागर झील का जल सत्र 510.60 मीटर था और यही जल सत्र पानी की निकासी ना होने के कारण 12 जून को 514.20 मीटर पर आ गया। तथा 13 जून को यही जल सत्र घट कर 514.05 मीटर पर आ गया और रणजीत सागर झील मे 11574 क्यूसिक बहाव से पानी आ रहा था और बांध परियोजना ने 8821640 यूनिट बिजली उत्पादन कर माधोपूर को 13020 क्यूसिक पानी छोड़ा। इसी के साथ 14 जून को यही जल सत्र घट कर 513.90 मीटर पर आ गया और रणजीत सागर झील मे 8042 क्यूसिक बहाव से पानी आ रहा था और बांध परियोजना ने 8982000 यूनिट बिजली उत्पादन कर माधोपूर को 15015 क्यूसिक पानी छोड़ा।

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15 जून को यही जल सत्र घट कर 513.90 मीटर पर आ गया और रणजीत सागर झील मे 8042 क्यूसिक बहाव से पानी आ रहा था और बांध परियोजना ने 9163600 यूनिट बिजली उत्पादन कर माधोपूर को 13020 क्यूसिक पानी छोड़ा। इसी के साथ 16 जून को यही जल सत्र घट कर 513.50 मीटर पर आ गया और रणजीत सागर झील मे 8042 क्यूसिक बहाव से पानी आ रहा था और बांध परियोजना ने 8982000 यूनिट बिजली उत्पादन कर माधोपूर को 13025 क्यूसिक पानी छोड़ा। ा यानी सही मायने मे माने तो लगभग 1050 क्यूसिक भारत का पानी पाकिस्तान को वह गया। इस समय भारत और पंजाब सरकार की ओर से किये जा रहे दावों पर सवालिया निशान लग गया। 

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