बड़ी ख़बर: अब नगर निगम करेगा सख्त कारवाई, दुकानदारों व अन्य को चेतावनी, दो-दो डस्टबिन रखना अनिवार्य : CLICK HERE: READ MORE::

होशियारपुर में कूड़े के सही निपटारे की जिम्मेदारी कूड़ा पैदा करने वाले की होगी: कमिश्नर नगर निगम
– नगर निगम होशियारपुर की ओर से लागू किया जा रहा है पंजाब सालिड वेस्ट मैनेजमेंट व क्लीनेंस व सैनीटेशन बॉयलाज 2020
– हर घर, व्यापारिक संस्थान व कार्यालय के लिए अपने-अपने संस्थान में गीले व सूखे कूड़े के लिए दो-दो डस्टबिन रखना अनिवार्य
होशियारपुर, 02 सितंबर (आदेश ):
कमिश्नर नगर निगम बलबीर राज सिंह ने बताया कि स्थानीय निकाय विभाग के निर्देशानुसार पंजाब सालिड वेस्ट मैनेजमेंट व क्लीनेंस व सैनीटेशन बॉयलाज 2020 को नगर निगम होशियारपुर में लागू किया जाना है। जिसके अंतर्गत कूड़े के सही निपटारे की जिम्मेदारी कूड़े को पैदा करने वाले की होगी। नगर निगम की ओर से कूड़ा सिर्फ एकत्र व प्रोसेस किया जाएगा, जो भी व्यक्ति, संस्थान कूड़े का सही तरीके से निपटारा नहीं करेगा उस पर सालिड वेस्ट मैनेजमेंट 2016 व इनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।


कमिश्नर नगर निगम ने बताया कि कूड़े का निपटारा करने के लिए हर घर, दुकान, होटल, मैरिज पैलेस, ढाबा, रेस्टोरेंट व अन्य सरकारी व प्राइवेट संस्थानों को अपने स्तर पर अपने-अपने संस्थान में दो डस्टबिन जिनमें से एक गीले कूड़े व दूसरा सुखे कूड़े के लिए लगाकर नगर निगम के सफाई सेवकों को अलग-अलग कर देना पड़ेगा। सूखे कूड़े में घरों, संस्थानों में से निकलने वाले कागज, गत्ता, प्लास्टिक, कांच की बोतलें, पैकिंग मटीरियल, सिंगल यूज प्लास्टिक व गीले कूड़े में घरों व संस्थानों में आने वाली सब्जियों व फलों के छिलके, अंडों के छिलके, गली-सड़ी सब्जियां व पेड़ों व पौधों के पत्ते व घास आदि को अलग-अलग डस्टबिनों में अलग कर ही अपने सफाई सेवक को देना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि इन नियमों का पालन न करने वाले व्यक्ति, संस्थान को 250 से 5000 रुपए तक का जुर्माना किया जाएगा व सालिड वेस्ट मैनेजमेंट रुल 2016 व इंवायरमेंट प्रोटैक्शन एक्ट 1986 के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इन जुर्मानों से एकत्र होने वाली राशी से नगर निगम की ओर से कूड़े के प्रबंधन के लिए मशीनरी खरीदी जाएगी।
बलबीर राज सिंह ने बताया कि हर रैजीडेंशियल संस्थान जैसे कि घर, कालोनी, इमारत, बहुमंजिला इमारत, होस्टल, झुज्गियों, स्लम इलाकों, सोसायटियों के मालिक, सचिव, मैनेजर आदि वेस्ट जनरेटर की कैटागिरी में आते हैं। इसके अलावा हर कमर्शियल संस्थान जैसे कि होटल(5,4,3,2,1) स्टार, रेस्टोरेंट, स्कैन सैंटर, बेक्री, कैंटीन,  फूड कोर्ट, खाने पीने वाले संस्थान, दुकानें, कार्यालय(सरकारी व प्राइवेट), मैरिज पैलेस, हाल, व्यापार मेले, कम्यूनिटी हाल, क्लब, सर्कस व प्रदर्शनियां लगाने वाले मालिक, मैनेजर, प्रबंधक आदि भी वेस्ट जनरेटर की कैटागिरी में आते हैं।
कमिश्नर नगर निगम ने कहा कि सब्जियों फल, फूलों की दुकानों, मछली, मीट, कसाई घर, अंडों की दुकानें व इन आईटमों के गली विक्रेता जिनकी ओर से नगर निगम कार्यालय से ट्रेड लाइसेंस लिया गया है भी वेस्ट जनरेटर की कैटागिरी में आते हैं। उन्होंने कहा कि घर या संस्थान में कोई भी निर्माण या तोड़ फोड़ से पैदा हुए मलवे के निपटारे की जिम्मेदारी बिल्डर, मालिक, डेवलेपर की होगी व इसके लिए उसको नगर निगम से मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। शैक्षणिक संस्थाओं जैसे कि स्कूल, कालेज, यूनिवर्सिटयों, अस्पताल(सरकारी व प्राइवेट) ऐतिहासिक इमारतें, सार्वजनिक व निजी पार्क, धार्मिक स्थानों, औद्योगिक इकाइयों, घरेलू उद्योग, डेयरी, पशु शैड, वर्कशाप व गैराज के सालिड वेस्ट जनरेटर होंगे व इसके निपटारे की जिम्मेदारी इनके मालिक, प्रबंधक, कमेटियों की होगी।
इसके साथ ही कमिश्नर नगर निगम ने अपील करते हुए कहा कि हर व्यक्ति, संस्थान की कुछ जिम्मेदारियां है, जिससे कूड़े की समस्या को हल किया जा सकता है। इनमें से कूड़े को घर, संस्थान से ही गीले, सूखे को अलग-अलग कर अपने सफाई सेवक को देने, कूड़े को आस-पास न फेंकना व न ही आग लगाने व अपने घर, संस्थान के गीले कूड़े को होम कंपोस्ंिटग सिस्टम से प्रोसेस करना है।
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