100 प्रतिशत हुई धान की निर्विघ्न खरीद व लिफ्टिंग: डिप्टी कमिश्नर

– कहा, मिशन तंदुरु स्त पंजाब के अंतर्गत किसानों ने धान की पराली को बिना आग लगाए 5200 हैक्टेयर में की गेहूं की सीधी बिजाई
HOSHIARPUR (ADESH PARMINDER SINGH)
डिप्टी कमिश्नर श्रीमती ईशा कालिया ने कहा कि अब तक मंडियों में पहुंचा सारा धान 100 प्रतिशत खरीद लिया गया है। इसके अलावा 100 प्रतिशत लिफ्टिंग भी यकीनी बना ली गई है। उन्होंने प्रगतिशील किसानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मिशन तंदुरु स्त पंजाब के अंतर्गत धान के इस सीजन के दौरान किसानों ने पराली को बिना आग लगाए 5200 हैक्टेयर में गेहूं की सीधी बिजाई की है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 63 प्रतिशत कम धान की पराली को आग लगाने के मामले सामने आए हैं।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि होशियारपुर जिले की 62 मंडियों में पहुंचे 3,98,222 मीट्रिक टन धान की अलग-अलग खरीद एजेंसियों की ओर से 100 प्रतिशत ही खरीद की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इसमें से पनग्रेन की ओर से 1,24,354 मीट्रिक टन, मार्कफै ड की ओर से 73,745 मीट्रिक टन, पनसप की ओर से 66,237 मीट्रिक टन, पंजाब स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन की ओर से 37,640 मीट्रिक टन, पंजाब एग्रो की ओर से 38,466 मीट्रिक टन, एफ.सी.आई. की ओर से 52,872 मीट्रिक टन व प्राइवेट व्यापारियों की ओर से 4,908 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है।
उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों पर समय पर अदायगी भी यकीनी बनाई जा रही है, जिस कारण 98 प्रतिशत अदायगी कर दी गई है।
श्रीमती ईशा कालिया ने कहा कि मिशन तंदुरु स्त पंजाब के अंतर्गत जिला प्रशासन की ओर से धान की पराली को आग न लगाने संबंधी विशेष जागरु कता अभियान चलाया गया था, जिसमें जिले के किसानों ने पूरा सहयोग देकर धान की पराली को आग न लगा कर वातावरण हितैषी होने का सबूत दिया। उन्होंने बताया कि पराली का खेत में ही प्रबंधन करने के लिए जिले में किसानों को 552 आधुनिक खेती मशीनें, यंत्र मुहैया करवाए गए थे, जिसके कारण जिले में 5200 हैक्टेयर में गेहूं की सीधी बिजाई की गई है। उन्होंने कहा कि 1387 गांवों में धान की पराली जलाने का एक भी मामला सामने नहीं आया। उन्होंने कहा कि फसलों के अवशेषों को आग लगाने से कई बीमारियां पैदा होती है, जो मानवीय स्वास्थ्य के साथ-साथ पक्षियों व जानवरों के लिए बहुत खतरनाक साबित होती हैं। इसके अलावा वातावरण भी प्रदूषित होता है व जमीन की उपजाऊ शक्ति  भी कम होती है। उन्होंने कहा कि वातावरण की शुद्धता व जमीन की उपजाऊ शक्ति  बरकरार रखने के लिए फसलों के अवशेषों को आग न लगाई जाए।
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