दुल्ला भटृी की कहानी सुनाए बिना लोहड़ी का त्यौहार पूर्ण नहीं होता- पार्षद तलवाड़

वार्ड वासियों संग पारंपरिक तरीके से मनाया लोहड़ी का त्यौहार
HOSHIAPUR (SATWINDER SINGH, AJAY JULKA, INDERJIT SINGH): दुल्ला भट्टी न होते तो लाहौर, लाहौर न होता, सलीम कभी जहांगीर न हो पाता, अकबर को भांड न बनना पड़ता, मिर्जा-साहिबा के किस्सों में संदल बार न आता, पंजाब वाले दुल्ले की वार न गाते और लोहड़ी भी न होती। उपरोक्त शब्द भारतीय जनता महिला मोर्चा पंजाब की प्रदेश सचिव पार्षद नीति तलवाड ने वार्ड न. 4 में पारंपरिक तरीके से लोहडी का त्यौहार मनाते हुए कहे। उन्होने कहा कि दुल्ला भटृी की कहानी सुनाए बिना लोहड़ी का त्यौहार पूर्ण नहीं होता।
पार्षद तलवाड़ ने कह कि आज के बच्चे अपने त्यौहारों के मूल मकसद से दूर होते जा रहे है, क्योंकि हम बड़ो ने त्यौहारों की परिभाषा को भी आधुनिक रंग दे दिया है। तलवाड़ ने कहा कि बच्चे संसकारिक हो और भारत विश्व गुरु बने, इसके लिए हमारे सभी त्यौहारों को उनके मूल रुप से मनाने की जरुरत है।
पार्षद तलवाड़ ने सखियों संग घर-घर जाकर लोहडी के गीतों को गाकर बच्चों को लोहड़ी के त्यौहार के साथ जोड़ते हुए उन्हे जानकारी देते हुए बताया कि बहुत पहले सुंदर दास किसान की दो बेटियों सुन्दरी एवं मुंदरी की मुगल सरदारों से रक्षा कर , उनकी शादी वहां की, जहां सुंदर दास चाहता था। शगुन में शक्कर दी वो दिन है और आज का दिन, लोहड़ी की रात को आग जला कर लोहड़ी मनाई जाती है। पार्षद तलवाड़ ने मां बाप से बच्चों को अपने इतिहास की जानकारी सांझी करने की अपील की।
इस मौके पर श्री मति मीनाक्षी खन्ना , शिखा सेतिया, दीप शिखा, रजनी तलवाड़, मुस्कान, कृष्णा थापर, प्रिया सैनी, कमलजीत, कुलदीप कौैर, पूजा गौतम, कमलेश सैनी भी उपस्थित थे।

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