Latest News :- बच्चे की पेट के अंदर ही मौत के बाद माँ लड़ रही सिविल अस्पताल में ज़िन्दगी मौत की लड़ाई, रेखा व उसके परिवार वालों ने मन्त्री अरोड़ा और सेहत मंत्री सिद्ध से लगाई इंसाफ की गुहार

होशियारपुर (आदेश, करण लाखा) :- बच्चे की पेट में ही मौत होने के बाद रेखा निवासी हुसैनपुर ज़िन्दगी मौत की लड़ाई लड़ रही हैं। उसके पिता का आरोप है कि पहले तो सिविल अस्पताल के डॉक्टर उसकी बेटी को दाखिल ही नहीँ कर रहे थे। उसने कहा कि 10 फरवरी  को उन्होंने  बेटी का स्कैन करवाया था। जिसकी रिपोट में बच्चे की मौत की पुष्टि हुई। 11 फरबरी को वह उसे सिविल अस्पताल ले कर आए।

लेकिन संबंधित डॉक्टर उसका ऑपरेशन नही कर रहे। अगर उसकी बेटी के पेट में इन्फेक्शन फैल गई और उसकी मौत हो गई तो उसका ज़िमेदार कौन होगा।
रेखा का पति मनदीप कुमार दिहाड़ीदार मजदूर है और गरीब है। वह उसका इलाज प्राइवेट अस्पताल में करवाने में असमर्थ है।
वही रेखा व उसके परिवार वालों ने मन्त्री सुंदर शाम अरोड़ा और सेहत मंत्री सिद्ध से गुहार लगाई है कि उनके साथ इंसाफ किया जाए और उसकी बेटी का तुरंत ऑपरेशन करवाया जाए।

नेचुरल डिलीवरी होगी इस लिए नही किया ऑपेरशन- एस एम ओ डॉ जसविंदर सिंह
इस संबंध में एसएमओ डॉ जसविंदर सिंह का कहना है कि नेचुरल डिलीवरी होगी इस लिए ऑपेरशन नही  किया गया। उन्होंने कहा कि इंजेक्शन दिया गया है और नार्मल डिलीवरी होगी। जब उनसे पूछा गया कि इंजेक्शन तो बाद कि बात है रेखा के बेड पर तो बेड शीट ही नही है तो उन्होंने कहा कि बेड शीट अस्पताल में बहुत हैं और अगर नही होगी तो वह अपने घर से लाकर देंगे। उन्होंने कहा कि वह अभी तुरंत रेखा के वार्ड में जाकर इंस्पेक्शन करेंगे और उसको सभी सहूलतें उपलबध करवाएंगे।  

Advertisements

कुछ माह पहले मंत्री सूंदर शाम अरोड़ा ने मरीजों को बेहतरीन सहूलतें मिलें इस लिए अपनी व सिविल सर्जन की निगरानी  एक कमेटी का गठन किया था, उस कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई

Advertisements

हैरानी की बात यह है कि कुछ माह पहले मंत्री सूंदर शाम अरोड़ा ने मरीजों को बेहतरीन सहूलतें मिलें इस लिए अपनी व सिविल सर्जन की निगरानी  एक कमेटी का गठन किया था जिसमें कुछ पत्रकारों को भी मेंबर लिए जाने की बात कही थी , लेकिन उस कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई। अब्ब हालात कुछ ऐसे हैं के सभ कुछ होने के बावजूद मरीज बाहर से टैस्ट व दवाएं लेने को विवश हैं।  मंत्री अरोड़ा को इस तरफ़ तुरंत धयान देकर शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए ताकि लोगों को डॉक्टरों की लापरवाही के चलते असुविधा न हो। 

Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements

Related posts

Leave a Reply