बड़ी खबर : कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पी.एस.पी.सी.एल. को अकाली-भाजपा सरकार द्वारा किये गए एकतरफ़ा सभी बिजली खरीद समझौते रद्द करने /पुनः जाँच पड़ताल करने के लिए कहा

मुख्यमंत्री ने पी.एस.पी.सी.एल. को अकाली-भाजपा सरकार द्वारा किये गए एकतरफ़ा सभी बिजली खरीद समझौते रद्द करने /पुनः जाँच पड़ताल करने के लिए कहा
धान के सीजन दौरान तलवंडी साबो बिजली प्लांट की नाकामी और राज्य में बिजली की चरम माँग के समय समझौते पर खरा न उतरने का गंभीर नोटिस लिया
चंडीगढ़:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) को उन प्राईवेट कंपनियों के साथ किये एकतरफा सभी बिजली खरीद समझौते (पी.पी.एज़) रद्द करने या फिर से देखने के लिए कहा है, जो कंपनियाँ धान की बिजाई और गर्मी के सीजन में बिजली की चरम माँग को पूरा करने के लिए पर्याप्त सप्लाई देने के लिए किये गए समझौतों पर खरा नहीं उतरीं।
तलवंडी साबो पावर लिमिटेड, मानसा जो राज्य के सबसे बड़े निजी थर्मल प्लांटों में से एक है, की धान के मौजूदा सीजन दौरान बड़ी असफलता का गंभीर नोटिस लेते हुए मुख्यमंत्री ने पी.एस.पी.सी.एल. को इसके पी.पी.ए. रद्द करने के निर्देश दिए हैं क्योंकि यह समझौता कंपनी के हक में बहुत ज्यादा जाता है।
उन्होंने पी.एस.पी.सी.एल. को यह भी कहा कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा विभिन्न स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आई.पी.पीज़) जो मूलभूत तौर पर राज्य की ख़ासकर धान की बिजाई और गर्मी के मौसम दौरान पैदा होती माँग को पूरा करने के लिए स्थापित किये गए थे, के साथ किये गए सभी बिजली खरीद समझौतों की जांच की जाये। उन्होंने पी.एस.पी.सी.एल. को निर्देश दिए कि सभी एकतरफ़ा पी.पी.एज़ रद्द करें /फिर से जाँच की जाए जिनका राज्य को कोई फ़ायदा नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पी.एस.पी.सी.ऐल. ने साल 2007 के बाद थर्मल/हाईड्रो के साथ 12 बिजली खरीद समझौते और सोलर /बायोमास के साथ लम्बे समय के 122 समझौते किये थे जिससे राज्य की बिजली पैदावार सामर्थ्य को लगभग 13800 मेगावाट करके पंजाब को अतिरिक्त बिजली वाला राज्य बनाया जाये। हालाँकि धान के सीजन के दौरान तलवंडी साबो थर्मल प्लांट के सभी तीनों ही यूनिट बिजली की माँग के शिखर के दौरान कुछ दिनों के लिए बिजली पैदा करने में नाकाम रहे। उन्होंने कहा कि तलवंडी साबो पावर लिमटिड की एक यूनिट मार्च 2021 से नहीं चल सकी और दो यूनिट पिछले एक महीने से बिजली पैदा करने से असमर्थ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस समय तलवंडी साबो पावर लिमटिड का सिर्फ़ एक यूनिट चल रहा है और इन कारणों से राज्य में बिजली की भारी कमी आई है।
पी.एस.पी.सी.एल. ने पहले ही तलवंडी साबो पावर लिमटिड को जुर्माना लगा कर नोटिस जारी कर दिया है परन्तु क्योंकि बिजली खरीद समझौते (पी.पी.ए.) एकतरफ़ा हैं, इसलिए लगाया गया जुर्माना थर्मल प्लांटों में ख़राबी होने के कारण हुए नुकसान के मुकाबले बहुत थोड़ा होगा। इसके इलावा बिजली खरीद समझौतों की शर्तों के अनुसार, मौजूदा समय आई.पी.पीज़ को गर्मियों /धान के समय दौरान बिजली सप्लाई करना लाज़िमी नहीं है। इसलिए, पी.पी.ए. के बीच की कमियों का फ़ायदा उठाते हुए, आई.पी.पीज़ कम उपभोग वाले सीजन के दौरान बिजली सप्लाई करके पी.एस.पी.सी.एल. से पूरे तय चार्जिज वसूल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि तलवंडी साबो पावर लिमटिड की नाकामी के नतीजे के तौर पर पड़े घाटे को भरने के लिए पी.एस.पी.सी.एल. को मौजूदा सीजन में राज्य की बिजली सम्बन्धी ज़रूरत को पूरा करने के लिए 3 गुणा 660 मेगावाट (1980 मेगावाट) के सामर्थ्य के साथ पावर एक्सचेन्ज से थोड़े समय की बिजली खरीदनी पड़ी। पी.एस.पी.सी.एल. ने जून और जुलाई के महीनों में 886 करोड़ रुपए ख़र्च करके 271 करोड़ यूनिट बिजली की खरीद की थी।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि किसानों की फसलों की सुरक्षा के लिए राज्य को केंद्रीय सैक्टर के बिजली पैदा करने वाले स्टेशनों से बिजली के पूरे प्रयोग के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने आगे कहा कि किसानों की बिजली सम्बन्धी बढ़ रही ज़रूरत को पूरा करने के लिए राज्य को बिजली की अधिक सप्लाई वाले उद्योगों पर 1 जुलाई से 11 जुलाई तक बिजली रेगुलेटरी उपाय भी लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ़ राज्य के विभिन्न खपतकारों को परेशानी हुई, बल्कि पहले ही वित्तीय संकट में घिरे पी.एस.पी.सी.एल. पर ओर वित्तीय बोझ पड़ा।

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