आत्मरक्षा, महिला सशक्तिकरण और नशीली दवाओं की लत के खिलाफ अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय गतका सेमिनार आयोजित

समसामयिक चुनौतियों से निपटने के लिए गतका प्रमोटरों द्वारा गतका की कला कोशक्तिशाली उपकरण के रूप में उपयोग करने का आह्वान

 

आत्मरक्षा, महिला सशक्तिकरण और नशीली दवाओं की लत के खिलाफ अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय गतका सेमिनार आयोजित

अंतरराष्ट्रीय खेलों में गतका की भागीदारी के लिए एकजुट प्रयास की जरूरत : हरजीत ग्रेवाल

चंडीगढ़, 30 जुलाई :  गतका खेल की सर्वोच्च संस्था, वर्ल्ड गतका फेडरेशन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मार्शल आर्ट गतका को बढ़ावा देने और मान्यता दिलाने के लिए गुरुद्वारा ग्लेन रॉक, न्यू जर्सी, अमेरिका में एक प्रभावशाली अंतर्राष्ट्रीय गतका सेमिनार का आयोजन किया। इंटरनेशनल सिख मार्शल आर्ट्स काउंसिल (इसमाक) के सहयोग से “गतका: आत्मरक्षा, महिला सशक्तिकरण और नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ” विषय के तहत इस सेमिनार के दौरान गतका प्रमोटर, विशेषज्ञ, प्रतिष्ठित व्यक्तित्व और गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के सदस्य ने समसामयिक चुनौतियों से निपटने और गतका खेल को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक रूप से इस खेल के विशेष महत्व पर जोर दिया।
इस पहले गतका सेमिनार में गतका क्षेत्र की प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें नेशनल गतका एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनजीएआई) और वर्ल्ड गतका फेडरेशन (डब्ल्यूजीएफ) के अध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल, विश्व गतका फेडरेशन के महासचिव डॉ. दीप सिंह और गतका फेडरेशन कनाडा के संगठनात्मक सचिव जनमजीत सिंह ने सेमिनार के मुख्य विषयों पर अपनी विशाल विशेषज्ञता के साथ दर्शकों को गहन जानकारी प्रस्तुत की।
अपने संबोधन के दौरान गतका प्रमोटर हरजीत सिंह ग्रेवाल ने आत्मरक्षा के आसान और सस्ते साधन के रूप में गतका के तत्वों को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि गतका सिख शास्त्र विद्या का अभिन्न अंग है। यह न केवल एक युद्ध कला है बल्कि शास्त्र विद्या की एक संपूर्ण प्रणाली है जिसमें शारीरिक और मानसिक शक्ति के साथ-साथ आध्यात्मिक अनुशासन भी शामिल है। उन्होंने कहा कि गतका सांस्कृतिक सीमाओं से ऊपर उठ कर दुनिया भर में विभिन्न समुदायों के बीच आपसी समझ, सांप्रदायिक एकता और वैश्विक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए एक पुल के रूप में कार्य कर सकता है।
डॉ. दीप सिंह ने महिला सशक्तिकरण के लिए गतका को एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि आत्मरक्षा के रूप में गतका कला को बढ़ावा देने से विशेष रूप से महिलाओं को अपनी सुरक्षा करने की क्षमता से सशक्त करने में मदद मिलेगी और दुनिया में बढ़ते अपराधों से खुद को बचा सकती है। उन्होंने गतका कला सीखने की समावेशी प्रकृति पर प्रकाश डाला क्योंकि इसमें कोई लिंग बाधा नहीं है जिसके माध्यम से महिलाएं मानसिक शक्ति और लचीलापन अपनाने में सक्षम हो सकती हैं।
अपने संबोधन में जनमजीत सिंह ने हर इंसान के लिए जंगजू कला के महत्व और नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई में गतके की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नशे के सेवन के कारण आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए पीड़ित इस कला के अनुशासित अभ्यास के दौरान अपनी ऊर्जा और ध्यान केंद्रित करके बेहतर जीवन जीने का रचनात्मक तरीका ढूंढ सकते हैं। उन्होंने भावी पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए गतका अपनाने, महिलाओं के सशक्तिकरण और नशीली दवाओं के उपयोग को रोकने के लिए गतका का उपयोग करने में एकजुटता का आह्वान किया।
इंटरनेशनल सिख शास्त्र विद्या काउंसिल (इसमाक) के प्रवक्ता लखबीर सिंह खालसा ने कहा कि गतके की मदद से हम न केवल अपने अनमोल सांस्कृतिक खजाने को संरक्षित कर सकते हैं, बल्कि अपनी कौम को आत्मरक्षा से भी लैस कर सकते हैं, जिनके माध्यम से बड़ी चुनौतियों का सामना व एक सुरक्षित और अधिक सामंजस्यपूर्ण विश्व का निर्माण किया जा सकता है।
कार्यक्रम में गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और व्यवसायी हरभजन सिंह, वर्तमान अध्यक्ष सुपिंदर सिंह बैंस, चेयरमैन जसजीत सिंह हुंदल, सचिव बलजीत सिंह, प्रितपाल सिंह खालसा, यादविंदर सिंह, हरकिशन सिंह जस्सल, दविंदर सिंह और अन्य सभी सदस्य ने गतका के प्रचार-प्रसार के लिए पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया। लोगों को प्रेरित करते हुए, उन्होंने विश्व समुदाय से आग्रह किया कि वे गतके को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति से मान्यता दिलाने, गतके की समृद्ध विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के पर्यासों की मदद करें। यह सेमिनार प्राचीन जंगजू कला की परिवर्तनकारी शक्ति का एक शक्तिशाली प्रमाण साबित हुआ जिसमें उन मुद्दों पर चर्चा हुई जिसका दुनिया भर के लोग सामना कर रहे हैं।
यह सेमिनार अंतरराष्ट्रीय मंचों, कार्यशालाओं और शैक्षिक पहलों के माध्यम से गतका खेल को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त प्रयास करने हेतु एक सर्वसम्मत राय के साथ संपन्न हुआ।

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